सर्वश्रेष्ठ प्लाट
भर्जा जेब जनाब की, कर प्लाट का विचार।
सर्वश्रेष्ठ वह प्लाट है, जो हो वर्गाकार ।।
जो हो वर्गाकार, नब्बे - नब्बे के कोण ।
विकर्ण रहे समान, ढाल हो ईशान कोण ।।
कह ‘वाणी’ कविराज, चार-पथ भागे कर्जा ।
नौ पीढ़ी आराम, स्वतरू सब खुशियां भर्जा ।
शब्दार्थ: विकर्ण = चतुर्भुज में समकोण के सामने की भुजा, पथ = रास्ता, भा जेब-सुदृढ़ आर्थिक स्थिति
भावार्थ:
जब आपकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो जाए कि ठसा-ठस भरी हुई जेबों में से यदा-कदा कागज के कुछ विशेष रंगीन टुकड़े स्वतरू हवा में उड़ने लगें, तब तुम्हें सर्वश्रेष्ठ वर्गाकार प्लाट खरीदने का सुविचार करना चाहिए। यदिप्लाट के चारों कोण समकोण, दोनों विकर्ण समान और भूमि का ढलान ईशान कोण की ओर हो तो सोने में सुहागा है।
‘वाणी’ कविराज कहते हैं कि चारों तरफ रोड़ होने से खाली खजाना शीघ्र भर जाता है और वहां कई पीढ़ियां बड़े आनन्द से रहती हई विभिन्न प्रकार की खुशियां प्राप्त करती हैं।
वास्तुशास्त्री : अमृत लाल चंगेरिया
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