Vastu Shashtra : Methi Methi Bhu Jahan - Swet Soil / Land (SK-14)


मीठी-मीठी भू मीठी-मीठी भू जहां, गंध सुहानी देय। सब सुख सुलभ होय वहाँ, कृपा-सिंधु सब देय।। कृपा-सिंधु सब देय, बढ़े वंश में धन-धान। सभी सम्मान देय कोर्ट-कचहरी में मान।। कह ‘वाणी’ कविराज, दुरूख सब ही के भागे । जाय खरीदो प्लाट, जहां भू मीठी लागे।
शब्दार्थ: मीठी लागे = मिट्टी का स्वाद मीठा लगना, भू = भूमि
भावार्थ:

विद्वान-पंडितों के लिए वही आवासीय भूखण्ड सर्वश्रेष्ठ होता है, जिस मिट्टी का स्वाद मीठा एवं गंध सुहानी हो। वहां कृपा-सिन्धु के सदैव प्रसन्न रहने से वंश,धन धान्य और सभी प्रकार के सुख स्वतरू बढ़ते हैं। कोर्ट-कचहरी के विवाद आपके पक्ष में निकलने से सम्मान-वृद्धि होती है।
‘वाणी’ कविराज कहते हैं कि परिवार के किसी सदस्य के यदि कोई पुराना दुरूख-दर्द है तो वह भी शीघ्र ही दूर हो जावेगा, आप तो बस मीठी लगने वाली श्वेत-वर्णी ब्राह्मणी भूमि की कॉलोनी में एक आवासीय प्लाट खरीद लो।
वास्तुशास्त्री : अमृत लाल चंगेरिया



1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

अची भूमि के और क्या प्रकार हे और किस तरह की भूमि हमें लेना चाहिए

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